गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए अपना पक्का घर बनाने का सपना अब हकीकत के करीब है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत सोनीपत में 2,000 लाभार्थियों को दूसरी किस्त की राशि जारी कर दी गई है। इस राशि से उनके आधे-अधूरे घरों का निर्माण कार्य फिर से शुरू हो सकेगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत जिले में 3,171 पक्के मकान बनाए जाएं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवारों को लाभ मिले।
दूसरी किस्त से मिली राहत
पिछले कुछ समय से लाभार्थी दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे थे। मानसून की बारिश और आर्थिक तंगी के कारण कई परिवारों के घरों का निर्माण कार्य रुक गया था। अब दूसरी किस्त की राशि मिलने से लाभार्थियों ने राहत की सांस ली है। एक लाभार्थी, रामकुमार ने बताया, “पहली किस्त से हमने घर की नींव और दीवारें बनाई थीं, लेकिन पैसे खत्म होने के कारण काम रुक गया था। अब इस राशि से हम घर पूरा कर सकेंगे।” सरकार तीन किस्तों में कुल 2.5 लाख रुपये की सहायता देती है, जिसमें से दूसरी किस्त निर्माण को गति देने में मदद करेगी। लाभार्थी अब अगले मानसून से पहले अपने घरों को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।
सर्वे और जियो-टैगिंग से पारदर्शिता
योजना को और प्रभावी बनाने के लिए सरकार नए पात्र परिवारों की पहचान के लिए सर्वे कर रही है। इस सर्वे में उन परिवारों को चुना जाएगा जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं है। इसके अलावा, निर्माण कार्य की निगरानी के लिए जियो-टैगिंग का उपयोग किया जा रहा है। जियो-टैगिंग से मकान की स्थिति का पता चलता है और किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सकता है। यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि सरकारी सहायता सही लोगों तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना का भी लाभ
सोनीपत के साथ-साथ हरियाणा के अन्य शहरों में भी आवास योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। यमुनानगर में मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 2,927 पात्र लाभार्थियों को प्लॉट दिए जाएंगे। इन लाभार्थियों को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गई है, जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई 2025 है। इस योजना के तहत घुमंतू जाति के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि समाज के सबसे कमजोर वर्ग को भी अपना घर मिल सके।
हरियाणा में आवास योजना की प्रगति
हरियाणा सरकार ने राज्य में गरीब और बेघर परिवारों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 100 वर्ग गज के प्लॉट दिए जा रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 1.80 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को सस्ते मकान या प्लॉट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले वित्त वर्ष में इन योजनाओं को और तेजी से लागू किया जाए।