हरियाणा सरकार ने अपने नागरिकों के नेत्र स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने हिसार के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJUST) में उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम (NPCBVI) का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य राज्य में दृष्टिहीनता को जड़ से खत्म करना है। इसके तहत स्कूली बच्चों और 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को मुफ्त आंखों की जांच और चश्मे प्रदान किए जाएंगे।
अभियान का उद्देश्य और दायरा
उज्ज्वल दृष्टि हरियाणा अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और बुजुर्गों के बीच दृष्टि संबंधी समस्याओं की पहचान करना और उनका समय पर निदान करना है। इस अभियान के तहत राज्य के 14,267 सरकारी स्कूलों में लगभग 21 लाख छात्रों की आंखों की जांच की जाएगी। इसके अलावा, 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए मोतियाबिंद की जांच और सर्जरी की सुविधा भी मुफ्त उपलब्ध होगी। यह अभियान भारत में अपनी तरह का सबसे बड़ा नेत्र देखभाल कार्यक्रम माना जा रहा है, जिसमें 1.4 लाख से अधिक चश्मे वितरित किए जाएंगे।
सुविधाओं का वितरण
इस अभियान के तहत चश्मे और अन्य नेत्र स्वास्थ्य सेवाएं 22 जिला अस्पतालों, 50 उप-जिला अस्पतालों और 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाएंगी। हिसार के सिविल अस्पताल में अब तक 7,000 चश्मे पहुंचाए जा चुके हैं, और 11 जुलाई तक 100 लोगों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त, सिरसा जिले में पहले ही 150 से अधिक बच्चों और बुजुर्गों को मुफ्त चश्मे वितरित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
शुभारंभ और स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने हिसार में आयोजित एक भव्य समारोह में इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह पहल हरियाणा के नागरिकों को स्वस्थ और बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समारोह में मंत्री ने कुछ स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को प्रतीकात्मक रूप से चश्मे वितरित किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेत्र स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी योगदान देता है।
लाभार्थी और प्रक्रिया
यह अभियान विशेष रूप से दो समूहों पर केंद्रित है: स्कूली बच्चे और 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक। बच्चों की आंखों की जांच स्कूलों में शिविरों के माध्यम से की जाएगी, और जिन्हें चश्मे की आवश्यकता होगी, उन्हें मुफ्त प्रदान किया जाएगा। वहीं, बुजुर्गों के लिए निकट दृष्टि सुधार और मोतियाबिंद सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होगी। सिविल अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जांच और चश्मा वितरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नागरिक अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।